We Care About Your Eyes
आयुर्वेद रेटिना केयर सभी सामान्य एवं गंभीर नेत्ररोगों का सकारात्मक परिणामो के साथ इलाज , रोकथाम व मैनेजमेंट का उत्कृष्ट प्रयास हैं । हमारा यह प्रयास भारत सरकार के अन्धत्व नियंत्रण कार्यक्रम की ओर एक अनूठी पहल है। आज की प्रदुषित, तनावपूर्ण, व डिजिटल जीवनशैली ने आंखों की बीमारियों को बढ़ाया हैं। आयुर्वेद में वैदिक काल से ही नेत्र चिकित्सा की अलग विशेषज्ञ शाखा शालक्य तंत्र है । जिसका प्रचलन आजकल तेजी से बढ़ रहा है। आयुर्वेद नेत्रालय के माध्यम से हमारी अनुभवी व समर्पित टीम आपको अच्छी से अच्छी सेवा देने का प्रयास कर इस कसौटी पर खरा उतर रही है। आंखों में ऐसे कई रोग है जिनमे आयुर्वेद चिकित्सा ही अंतिम सहारा है अतः गम्भीर नेत्र रोगों के प्रति जितना जल्दी हो सके विशेषज्ञ आयुर्वेद चिकित्सा अपनाना चाहिए।

आयुर्वेद शास्त्र आज फिर से अपनी विश्वसनीयता कायम कर रहा है। आयुर्वेद चिकित्सा रोग उपचार के साथ ही शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है। यदि हम शुरुआत से ही आयुर्वेद चिकित्सा अपनाते हैं तो बड़े ऑपरेशन व इलाज के खर्च से स्वयं को बचा सकते हैं । आयुर्वेद इलाज शरीर, मन व आत्मा पर सीधा एवं सकारात्मक प्रभाव दिखाता है , तथा दोष ( Bioenergy) , अग्नि ( Metabolic Process ), इंद्रिय (Sense) , मन (Intellect) व आत्मा (Soul) का संगठित तालमेल बाहरी परिवेश से स्थापित करता है।
आयुर्वेद इलाज में न सिर्फ भरोसा होता हैं कि मरीज अच्छा होगा , यह निश्चितता भी रहती हैं कि इलाज से अन्य बिमारियां व समस्याऐं (Side effects) पैदा नही होंगी। जैसा कि अन्य आधुनिक पध्दतियों में देखा जाता हैं। हमे खुशी और संतोष है कि लोग हमारी सेवाओ को पूरे विश्वास व प्रमाणिकता के साथ अपना रहे हैं। तथा इस संख्या में निरंतर त्वरित वृद्धि हो रही है । हम सभी बेहतर प्रयासों से आयुर्वेद नेत्र चिकित्सा को सरल, सस्ता, व सुलभ रूप में उपलब्ध कराने को प्रतिबद्ध है । जिससे जनमानस को नेत्र रोगों से जड़ से छुटकारा मिले और वे इस सुंदर सृष्टि को ताउम्र सम्यक दृष्टि से देख सकें |
नोट :-
अनुभवी दृष्टि विशेषज्ञ द्वारा चश्मे का सही नम्बर तथा आयुर्वेद नेत्रतज्ञ द्वारा सभी नेत्र रोगों का परीक्षण, निदान व उपचार प्रतिदिन उपलब्ध। परीक्षण हेतु +91-8770121429 पर अपना समय बुक करावे।
आयुर्वेद रेटिना केयर पर आंखों की इन बीमारियों का प्रामाणिक उपचार उपलब्ध हैं -
1. मायोपिया (चश्मे का नम्बर कम करना)
2. एम्बलायोपिया
3. डायबिटिक रेटिनोपेथी (शूगर की बीमारी का आंखों पर असर)
4. हायपरटेंसीव रेटिनोपेथी (ब्लडप्रेशर का आंखों पर असर)
5. रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा (रात या कम रोशनी में कम दिखना)
6. यूवीआईटीस (आंख की अंदरूनी सूजन)
7. एलर्जिक कंज्क्टिवाईटिस (लंबे समय से आंख आना व खुजली होना)
8. ड्राई आइज़(C.V.S.) आंखों का सूखापन
9. ए.आर.एम. डी. (उम्र के साथ दृष्टि कम होना)
10. रेटिना (परदे संबंधित सभी रोग )
11. कॉर्निया संबंधित सभी रोग (अल्सर व एस्टिग्मेटिजम)
12. पलकों से संबंधित सभी रोग (ब्लेफेराईटिस, टोसिस)
13. कालापानी(ग्लूकोमा)आंखों में तनाव बढ़ना
14. ऑप्टिक न्यूराईटिस (अचानक से दर्द या कम दिखना)
15. शुरुआती मोतियाबिंद
16. शुरुआती नासूर, नाखूना,केलेजियोन
17. भेंगापन (स्क्विन्ट)
18. पुराना जुखाम व सर दर्द
विशेष :-
1. सुसज्जित ऑप्टिकल शॉप ( नंबर एवं धूप के चश्मे)
2. आयुर्वेद फार्मेसी
3. कॉन्टेक्ट लेंस क्लीनिक
4. लो-विज़न ऐड
5. बच्चों के लिए आंखों की जांच की विशेष सुविधा।
6. नेत्र सुरक्षा जागरूकता शिविर।
7. स्कूलों में बच्चों का नेत्र परीक्षण।
